मां सरस्वती की सेवा में रत साधक का एक सद्प्रयास
रूप उपवन के सबल माली कहाँ ?
मैं खोजती हूँ.........
देव ऋषि नारद बखाना रूप,
मैं उन्मत हुई सी,लोभ
कर पाई नहीं संवरण,
छाई बेवसी सी।
त्याग सब कुछ,
आज अपना, पन,
विभव में खोजती हूँ॥
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