मां सरस्वती की सेवा में रत साधक का एक सद्प्रयास
साधना तो सफल होती है, सफल होती रहेगी,
प्यार की सरिता हृदय में प्यार भर, बहती रहेगी।
प्यार का अवलम्ब पाने, प्यार, फिरती मोहती हूँ।
रूप उपवन के सबल............॥
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