जिनका कोई हो नहीं, उनके आप हैं रहवर,
अकेले जो हैं चले उनके आप हैं हमसफर।
बात शायरी की हो, या कोई जिन्दगी से गिला,
बफा को बफा ने दिया हो बेवफाई का सिला।
मुहब्बत बन के वहाँ टूट पड़ते हैं अक्सर......
जिनका कोई हो नही...॥१॥
मां सरस्वती की सेवा में रत साधक का एक सद्प्रयास
1 comment:
lekhani me kamal hai
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