हिन्दी है सुलभ अभिव्यक्ति विचारन्ह की-
हिन्दी भाव-जान्हवी की एक पुण्य धारा है।
हिन्दी है प्रवाह एक हिन्दी है बहाव एक,
हिन्दी है लगाव जाहि जन जन प्यारा है॥
आओ हम प्रसार औ प्रचार करें पुष्ट और,
हिन्दी विश्व व्यापे आज जागे एक नारा है।
शपथ ग्रहण करें आज हिन्दी माता की,
कहें कि हमें हिन्दी और हिन्दुस्तान प्यारा है॥
1 comment:
जब तक सुलभ अभिव्यक्ति की बात करते हैं तो फिर हिन्दी हमारी है नहीं तो फिर राम राम.
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