Sunday, January 4, 2009

भारतमाता हो नित गर्वित।


हिम मुकुट शीश पर धारण कर

सिर ऊँचा रखे हिमालय नित,

लहराता रहे परचम नभ में,

भारतमाता हो नित गर्वित

नाचे आंगन, कर आलिंगन-

संसार कथा नित कहता रहे.....

1 comment:

Truth Eternal said...

vishva bandhtva aur raashtra prem ka adbhut samavesh hai....