Friday, January 9, 2009

क्यों पृथक हुई सृष्टि से?


बोली हे बहिन! सुनो तो,

पहिचानो मुझे दृष्टि से।

नारी की हृदय सदयता,

क्यों पृथक हुई सृष्टि से?

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